डॉ. विजय राघवन
रोगियों की ज़िंदगी बदलने के लिए समर्पित एक विशेषज्ञ
डॉ. विजय राघवन, एक अग्रणी चिकित्सा विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने भारत में चिकित्सा और रोग प्रबंधन की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव लाने का संकल्प लिया है। उनका प्रमुख उद्देश्य उन मरीजों की ज़िंदगी को बदलना है जो कैंसर, डायबिटीज़, किडनी फेल्योर, और ऑटोइम्यून बीमारियों जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। उनका काम प्रमुख वैज्ञानिकों और चिकित्सकों जैसे कि डॉ. थॉमस सिफ्राइड, डॉ. जोएल वालक, और अन्य प्रमुख विचारकों से गहरी प्रेरणा से प्रेरित है, जिन्होंने रोग प्रबंधन के पारंपरिक तरीकों को चुनौती दी और मेटाबोलिक एवं पोषण आधारित चिकित्सा पद्धतियों पर जोर दिया।
डॉ. राघवन का मानना है कि सिर्फ दवाओं से बीमारियों को नियंत्रित करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि शरीर के मूलभूत कार्यों, मेटाबोलिज्म, और पोषण में सुधार करके दीर्घकालिक समाधान प्राप्त किया जा सकता है। यही कारण है कि उन्होंने इन दिग्गज वैज्ञानिकों की सोच और शोध से प्रेरित होकर एक समग्र और उन्नत चिकित्सा दृष्टिकोण विकसित किया है, जिससे हजारों मरीजों की जिंदगी में बदलाव आ रहा है।
डॉ. थॉमस सिफ्राइड से प्रेरणा: मेटाबोलिक सिद्धांतों द्वारा कैंसर और अन्य बीमारियों का इलाज
डॉ. थॉमस सिफ्राइड** एक विश्व प्रसिद्ध कैंसर शोधकर्ता हैं, जिन्होंने कैंसर के उपचार में मेटाबोलिक दृष्टिकोण को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उनका शोध इस सिद्धांत पर आधारित है कि कैंसर को मेटाबोलिक विकार के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि केवल जीनोमिक बदलाव के रूप में। डॉ. सिफ्राइड का प्रमुख सिद्धांत यह है कि कैंसर कोशिकाओं को ऊर्जा प्राप्त करने के लिए शुगर (ग्लूकोज) की आवश्यकता होती है, और शुगर की कमी से कैंसर की वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है।
डॉ. विजय राघवन ने डॉ. सिफ्राइड के इस सिद्धांत को अपनाकर किटोजेनिक डाइट और मेटाबोलिक थेरपी को अपने कैंसर प्रबंधन में शामिल किया है। किटोजेनिक डाइट में कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम कर फैट का सेवन बढ़ाया जाता है, जिससे शरीर की ऊर्जा स्रोतों में बदलाव होता है और कैंसर कोशिकाएँ कमजोर होती हैं। यह दृष्टिकोण न केवल कैंसर के इलाज में कारगर साबित हो रहा है, बल्कि इसके दुष्प्रभाव भी कीमोथेरेपी और अन्य पारंपरिक उपचारों से कम होते हैं।
डॉ. जोएल वालक से प्रेरणा: पोषण और मेटाबोलिक स्वास्थ्य के जरिए रोग प्रबंधन
डॉ. जोएल वालक** एक प्रमुख नट्रिशनल चिकित्सक और लेखक हैं, जिन्होंने बीमारियों को मेटाबोलिक असंतुलन और पोषण की कमी के रूप में देखा। उनका मानना है कि शरीर में पोषक तत्वों की कमी कई बीमारियों की जड़ है, और सही पोषण द्वारा इन बीमारियों को रोका और ठीक किया जा सकता है।
डॉ. विजय राघवन ने इस सोच को अपनाया और अपने चिकित्सा दृष्टिकोण में पोषण आधारित चिकित्सा को प्राथमिकता दी। चाहे वह डायबिटीज़ हो, किडनी फेल्योर हो, या फिर ऑटोइम्यून बीमारियाँ, डॉ. राघवन यह सुनिश्चित करते हैं कि मरीजों को उनके व्यक्तिगत पोषण संबंधी आवश्यकताओं के अनुसार योजनाएँ दी जाएँ। यह उपचार पद्धति मेटाबोलिक स्वास्थ्य को संतुलित करने और शरीर को स्वाभाविक रूप से बीमारियों से लड़ने में मदद करती है।
डायबिटीज़ के मामले में, उन्होंने डॉ. वालक के सिद्धांतों को शामिल करते हुए मेटाबोलिक प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाले आहार और सप्लिमेंट्स पर ध्यान दिया है, जिससे मरीजों को इंसुलिन और दवाओं की जरूरत कम होती है। इसके परिणामस्वरूप, डायबिटीज़ के मरीजों में शुगर के स्तर को नियंत्रित करना आसान हो गया है और उनका जीवन अधिक स्वस्थ हो गया है।
ऑटोइम्यून बीमारियों और किडनी फेल्योर में सुधार
ऑटोइम्यून बीमारियाँ, जिनमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करती है, डॉ. विजय राघवन के उपचार में एक प्रमुख क्षेत्र हैं। इन बीमारियों के इलाज के लिए उन्होंने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को संतुलित करने पर जोर दिया है। उन्होंने डॉ. सिफ्राइड और वालक के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए आहार, सप्लिमेंट्स और मेटाबोलिक स्वास्थ्य के जरिए ऑटोइम्यून बीमारियों के लक्षणों को कम किया है।
इसके साथ ही, किडनी फेल्योर के मरीजों के लिए डॉ. राघवन ने पोषण आधारित थेरेपीज को अपनाया है, जिससे उनकी किडनी की कार्यक्षमता को बढ़ाया जा सके। उन्होंने मेटाबोलिक प्रक्रिया को ठीक करने के लिए विशेष आहार और पोषण योजनाएँ तैयार की हैं, जो किडनी के रोगों के प्रबंधन में सफल साबित हो रही हैं।
समग्र चिकित्सा दृष्टिकोण: सिर्फ इलाज नहीं, जीवनशैली में सुधार
डॉ. विजय राघवन का समग्र दृष्टिकोण केवल बीमारी के लक्षणों को दबाने पर केंद्रित नहीं है, बल्कि जीवनशैली, मेटाबोलिज्म, और मानसिक स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखता है। उनका मानना है कि हर बीमारी का इलाज केवल दवाओं से नहीं, बल्कि शरीर की स्वाभाविक उपचार क्षमता को बढ़ाने और मेटाबोलिज्म को संतुलित करने से होना चाहिए।
उनकी चिकित्सा पद्धतियाँ निम्नलिखित मूल सिद्धांतों पर आधारित हैं:
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मरीजों के जीवन में सकारात्मक बदलाव
डॉ. विजय राघवन के प्रयासों ने हजारों मरीजों के जीवन को बदल दिया है। उनकी चिकित्सा पद्धतियाँ न केवल बीमारियों का इलाज करती हैं, बल्कि मरीजों को दीर्घकालिक स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने में मदद करती हैं। कैंसर, डायबिटीज़, किडनी फेल्योर और ऑटोइम्यून बीमारियों के प्रबंधन में उनकी समग्र चिकित्सा दृष्टिकोण ने भारतीय चिकित्सा प्रणाली को एक नई दिशा दी है।
उनके मार्गदर्शन में मरीजों को न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ होने का अवसर मिलता है, बल्कि वे मानसिक और भावनात्मक रूप से भी मजबूत बनते हैं। उनकी अनोखी उपचार पद्धति, अंतरराष्ट्रीय शोध और सिद्धांतों से प्रेरित, ने उन्हें भारतीय चिकित्सा जगत में एक नई पहचान दिलाई है, और उनके मरीजों को एक स्वस्थ और समृद्ध जीवन जीने का अवसर प्रदान किया है।
डॉ. विजय राघवन ने रोग प्रबंधन को एक नई दृष्टि दी है, जहाँ केवल दवाओं पर निर्भरता कम हो रही है और समग्र स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जा रहा है।