डायबिटीज का मेटाबोलिक उपचार लें


अपने स्वास्थ्य में अभूतपूर्व सुधार का अनुभव करें

विशेषज्ञों द्वारा प्रमाणित, कारगर चिकित्सा के फायदे।

  • शुगर का बेहतरीन नियंत्रण : पैंक्रियास में सुधार के द्वारा शुगर का बेहतर नियंत्रण, जिससे हाइपोग्लाइसीमिया की संभावना नहीं के बराबर
  • इंजेक्शन से मुक्ति : हमारा उपचार मधुमेह से जुड़े मूल दोष को ठीक करता है और आपको चीनी को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष करने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • गुर्दे की सुरक्षा (Protection against kidney failure): शुगर पर आपका नियंत्रण इतना सटीक होता है कि किडनी सम्बंधित जटिलताओं की संभावना बहुत कम होती है।
  • हृदयाघात से बचाव : ह्रदय और धमनियों के स्वास्थ्य में सुधार के द्वारा हृदयाघात से बचाव। कोलेस्ट्रॉल का स्वतः नियंत्रण।
  • अंधापन / रेटिनोपैथी से सुरक्षा : हमारे उपचार से ब्लड वेसल्स में सुधार से रेटिना का बेहतर ब्लड सप्लाई होता है और अंधापन जैसे दुष्परिणाम की संभावना बहुत ही कम रहती है।
  • सेक्स की समस्या भी ठीक होती है: स्वास्थ्य में सुधार से सेक्स की समस्या स्वतः ठीक हो जाती है।

डायबिटीज का मेटाबोलिक उपचार पारम्परिक उपचार से बेहतर है।

डायबिटीज के पारम्परिक उपचार में क्या होता है जाने:

आखिर क्या वजह है कि गण्यमान्य व्यक्ति को डायबिटीज होने पर हृदयाघात और किडनी फेलियर आम लोगों से पहले होता है.

क्यों जिन लोगों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध है वही लोग जल्दी हृदयाघात, किडनी फेलियर अथवा आकस्मिक मौत का शिकार होते है.

डायबिटीज के मरीज के उपचार में एक डाइट चार्ट होता है और कुछ दवाईयां होती हैं. आप कोई भी दवाई लेते हैं अथवा कितने भी परहेज करते हैं अथवा एक्सरसाइज करते हैं और कम नमक खाते हैं और कम कैलोरी का भोजन लेते हैं आपका शुगर नियंत्रित नहीं रहता, अगर रहता भी है तो आप अच्छा अनुभव नहीं करते. ज्यादातर लोगों का रक्तचाप नियंत्रित नहीं रहता. आपकी समस्याओं में कोई सुधार नहीं होता जैसे कमजोरी, गैस बनना/पेट की खराबी, सेक्स नहीं कर पाना अथवा सेक्स के प्रति इच्छा ना होना, हरदम थकावट, काम का बोझ अनुभव करना, नींद की कमी, मोटापा, किडनी की खराबी, हृदयरोग, यादास्त की कमी इत्यादि .

डायबिटीज क्यों होता है.

अमेरिकन वैज्ञानिक डॉ. जोएल वाल्लाच के अनुसार डायबिटीज मिनरल की कमी से होता है.  इन्होने जानवरों में अनुसंधान करके साबित किया है कि डायबिटीज पोषक पदार्थों की कमी से होता है. इनके अनुसार शरीर में पोषक पदार्थों की कमी की वजह हमारा दोषपूर्ण खेती बारी है. हमारे जमीन अथवा मिट्टी में ही मिनरल्स की कमी हो गयी है जिसकी वजह से हम जो उपज करते हैं उसमें पोषक तत्वों की कमी रहती है.

डायबिटीज के मरीज को क्या करना चाहिए

डायबिटीज के मरीज को सर्वप्रथम जो दवाई वह ले रहे हैं उसे तुरंत ही बंद करना चाहिए. आप इन दवाईयों की वजह से ही डायबिटिक बने हुए हैं. इन दवाईयों की वजह से ही आपको होता है हृदयाघात, किडनी फेलियर इत्यादि.

उन्हें भोजन में परिवर्तन करना चाहिए, मसलन आप भोजन में ज्यादातर कच्ची चीजों का सेवन करें. और ज्यादा से ज्यादा सलाद खाएं. गेहू से बनी चीजों जैसे बिस्कुट, ब्रेड, रोटी का सेवन कम से कम करें. दूध का सेवन बंद कर दें. आप रिफाइंड तेल का इस्तेमाल भी बंद करें. रिफाइंड तेल जैसे सोयाबीन, राइस ब्रान, सूर्यमुखी इत्यादि शरीर के लिए घातक होता है.

आप आयुर्वेदिक दवा जो चूर्ण के रूप में आता हो उसका भी इस्तेमाल करें. इसके अलावा मेंथी, आलस अथवा तीसी और दालचीनी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इससे आपका स्वास्थ बेहतर बनेगा और आपकी डायबिटीज भी नियंत्रित हो जायेगी.

अगर इन सब से भी आपका शुगर नियंत्रित ना होता हो तो किसी naturopath अथवा आयुर्वेद के चिकित्सक से सलाह लें. अथवा मेटाबोलिक उपचार अपनाएँ.

मेटाबोलिक उपचार अबतक का सबसे प्रमाणित और सफल उपचार पद्धति है. इससे डायबिटीज के दुष्परिणाम स्वतः ही ख़त्म हो जाते हैं.

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