गॉलब्लेडर की पथरी को मेटाबोलिक उपचार द्वारा निकालें
सर्जरी अथवा लेप्रोस्कोपी की जरूरत ही नहीं
पूर्णतः हानिरहित और वैज्ञानिक तरीका से उपचार लें। चाइनीज मेडिसिन और नेचुरोपैथी में हजारों वर्षों से प्रचलित पद्धति। वर्षों के अनुसंधान से विलुप्तप्राय पद्धति को डॉ. विजय राघवन ने खोज निकाला
सर्जरी अथवा लेप्रोस्कोपी से बेहतर क्यों है हमारा उपचार ?
गॉलब्लेडर कोई बेकार ऑर्गन नहीं है। ऑपरेशन अथवा लेप्रोस्कोपी द्वारा इसे निकाल दिया जाता है जिसकी वजह से सर्जरी के बाद भी तकलीफ ख़त्म नहीं होती। ऑपरेशन के बाद भी स्टोन बनने का खतरा रहता है और bile duct में स्टोन होने की संभावना बढ़ जाती है।
सर्जरी अथवा ऑपरेशन का खतरा भी रहता है। इसलिए इस बेहतर उपचार से लोगों को अब सर्जरी नहीं करानी होगी।
यह उपचार आप घर पर दवा मंगवाकर हमारे विशेषज्ञ की निगरानी में घर पर ही अपना सकते हैं अथवा एक दिन के लिए हमारे हॉस्पिटल में एडमिट होकर भी इस उपचार को ले सकते हैं।
हमारा उपचार किस तरह से काम करता है और इसका उपचार कितने चरणों में होता है
स्टेप 1
लिवर की दवाई 1० दिन खिलाई जाती है
स्टेप 2
Bile Duct और नलियों को फैलने और मुलायम बनाने की दवा दी जाती है जिससे स्टोन गॉलब्लेडर से इंटेस्टिन में आ सके
स्टेप 3
गॉलब्लेडर को फोर्स के साथ सिकुड़ने की दवा दी जाती है जिससे फाइनली स्टोन इंटेस्टिने में आ जाता है
स्टेप 4
क्योंकि स्टोन लिवर में बनकर गॉलब्लेडर में आते है इसलिए इस प्रक्रिया को 20 दिन पर दोहराया जाता है जिससे लिवर के भी स्टोन निकल जाएँ। टोटल 3 से 4 बार यह प्रक्रिया रिपीट किया जाता है .
गॉलब्लेडर ऑपरेशन के नुकशान
- ऑपरेशन का खतरा
- बेहोशी का खतरा
- ऑपरेशन के बाद common bile duct में स्टोन बनने का खतरा बढ़ जाता है तो ज्यादा खतरनाक और जानलेवा है
- ऑपरेशन के बाद मोटापा और विटामिन की कमी क्योंकि अब bile लगातार पेट में आते रहता है
- हरदम कुछ खाते रहने की मजबूरी
- पेट में गैस और बदहजमी की परमानेंट समस्या
लिवर और गॉलब्लेडर क्लीन्स के फायदे
- गॉल्स्टोन।/ पथरी का निकलना
- कोलेस्ट्रॉल कण्ट्रोल
- हार्ट अटैक से बचाव
- फैटी लिवर में लाभकारी
- सिरोसिस ऑफ़ लिवर में लाभकारी
- स्वास्थ्य में बेहतरी